कृमि के बारे में जानकारी
दूषित पानी, भोजन, खुला खाना, बिना धोए फल काटना और बिना हाथ धोए खाने से पेट में कीड़े हो सकते हैं। यह वयस्कों की तुलना में बच्चों में अधिक आम है। ऐसे कृमि वाले व्यक्ति यदि बहुत अधिक मात्रा में मिठाई, गुड़, चॉकलेट जैसी चीजें खा लें तो कब्ज के कारण मलाशय में कृमियों की मात्रा बढ़ जाती है। कृमि की संख्या में वृद्धि के कारण शूल, रक्ताल्पता, बार-बार दस्त, जी मिचलाना, उल्टी, अरुचि, अरुचि, कभी-कभी अत्यधिक भूख, खुजली, आलस्य आदि उत्पन्न हो जाते हैं।
कृमि मिटाने के घरेलू उपचार
(1) रोज सुबह और शाम पांच मिनट पहले एक या एक छोटा चम्मच साबुत या पिसा हुआ नमक पानी के साथ खाने से उल्टी या मल के द्वारा कमी दूर हो जाती है।
(2) 1 गिलास पानी में 1 से 2 चम्मच अनार के छिलके आधा रह जाने तक धीमी आँच पर उबालें। इसे ठंडा कर लें और इस काढ़े को खाली पेट पिएं। अगले दिन सुबह हार्डे की रेच लें। इससे टेपवर्म बेहोश हो जाता है या मर जाता है और बाहर निकल जाता है।
(3) 1-2 चम्मच नीम के पत्तों का रस प्रतिदिन सुबह शाम पीने से सारे कीड़े मल के द्वारा बाहर निकल जाते हैं और पेट साफ हो जाता है।
(4) करेला कृमिनाशक होता है। बच्चों को ज्यादातर दूध वाले कीड़े मिलते हैं। उन्हें करेले की सब्जी खिलाएं। अगर बच्चा करेला नहीं खाता है तो करेले का रस निकालकर दो-दो चम्मच सुबह-शाम पिलाएं।
(5) एक चम्मच सूखे पपीते के बीज को एक कटोरी ताजी दही में पीसकर दिन में तीन बार लेने से कृमि से छुटकारा मिलेगा।
(6) अगर आपको कीड़े हैं, तो आप केवल पत्ते खाने से ठीक हो सकते हैं। 3-4 दिनों में जितने पत्ते खा सकते हैं खा लें, सादे या अतिरिक्त सामग्री के साथ। इससे कीड़े मल के जरिए बाहर निकल जाते हैं।
(7) अनन्नास खाने से एक सप्ताह में पेट में कीड़े पानी हो जाते हैं। इसलिए अनानास बच्चों के लिए बेहतरीन है।
(8) अच्छी सुपारी का चूर्ण थोड़े गर्म पानी के साथ दिन में तीन से चार बार लेने से कृमि मिट जाते हैं।
(9) इलायची के पत्तों का रस थोड़े से गर्म पानी में डालने से कीड़े मर जाते हैं।
(10) खखरा के बीज, नीम के बीज और वडिंग से बना बस्तरगल चूर्ण ‘पलाशबिजदी चूर्ण’ कहलाता है। बच्चों को आधा चम्मच और बड़ों को आधा चम्मच चूर्ण पानी के साथ सुबह-शाम देने से कृमि दूर होते हैं।
(11) टमाटर के रस में हींग डालकर पीने से कृमि रोग में लाभ होता है।
(12) अनार की छाल या इसके पौधे की छाल या जड़ का काढ़ा बनाकर उसमें तिल का तेल मिलाकर तीन दिन तक पीने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं।
(13) बबूल की जड़ की हरी छाल 50 ग्राम (इसके छोटे-छोटे टुकड़े 2 ग्राम), खाखरा के बीजों का चूर्ण 5 ग्राम, केसर 10 ग्राम और 1 लीटर पानी, पानी शेष रहने तक उबालें और ठंडा होने पर छान लें। नीचे, दिन में चार बार आधे घंटे तक।50-50 ग्राम की मात्रा में एरंड का रेचक बनाकर पीने से सभी प्रकार के गोलकृमि दूर हो जाते हैं।
(14) संतरा खाने से कृमि नष्ट होते हैं।
(15) एक मुट्ठी चना रात को सिरके में भिगोकर सुबह खाली पेट खाने से कीड़े मर जाते हैं और पेट साफ हो जाता है। 941 (16) वडवई के फूलों की कलियों का काढ़ा पीने से पेट के कीड़े ठीक हो जाते हैं।
(17) केसर का काढ़ा शहद में मिलाकर दिन में 2 बार पीने से छोटे-छोटे कृमि दूर हो जाते हैं।
(18) सुबह उठकर दो-तीन ग्राम नमक पानी में डालकर कुछ दिनों तक पीने से छोटे-छोटे कीड़े निकल आते हैं, नए कीड़े पैदा होना बंद हो जाते हैं और पाचन क्रिया सुधर जाती है।
(19) सोंठ और वावदिंग के चूर्ण को शहद में मिलाकर सेवन करने से कृमि ठीक हो जाते हैं।
(20) कच्चे पपीते का ताजा दूध 10 ग्राम, शहद 10 ग्राम और उबलता हुआ पानी 40 मिली. इकट्ठा करके ठंडा करके पीने से और दो घंटे अरंडी खाने के बाद जुलाब लेने से गोलकृमि दूर हो जाते हैं। (अगर इससे पेट में दर्द होता है तो नींबू का रस शक्कर मिलाकर पियें।)
(21) भांगड़ा चूर्ण (बाजार में मिलने वाला) या भांगड़ा का ताजा रस और आधा दीया प्रतिदिन सोने से पहले लेने से पेट के सारे कीड़े निकल जाते हैं।
(22) एक गिलास गाढ़े दूध में एक चम्मच पिसा हुआ दूध डालकर सुबह-शाम पीने से पेट के सारे कीड़े मल के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।
(23) यदि बच्चों को कृमि हो जाए तो उनकी स्थिति के अनुसार रोज रात को सोते समय गर्म पानी से एरंड का तेल लगाने से वे ठीक हो जाते हैं।
(24) कच्चे या पके पपीते के रस में चीनी मिलाकर बच्चे को पिलाने से पेट के कीड़े मल के द्वारा बाहर निकलने लगते हैं।
(25) प्रतिदिन सुबह, दोपहर और शाम को एक कप पानी में एक चम्मच नमक घोलकर पीने से कृमि से छुटकारा मिलता है।
(26) सुंथा, ववादिंग और भीलम का चूर्ण शहद में मिलाकर खाने से कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
(27) बच्चे को कपिलो, वावडिंग और रूबर्ब बराबर मात्रा में लेकर शहद मिलाकर मलने से उसके पेट के कीड़े साफ हो जाते हैं।
(28) भांग के बीज का चूर्ण गाय के पेशाब में डालकर पीने से कर्मिय रोग स्थायी रूप से दूर हो जाता है।
(29) ववडिंग को उबालकर और आधी फालतू चीनी के साथ पीने से कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
(30) नींबू के पत्तों का रस आधे शहद में मिलाकर सात दिनों तक रोजाना सुबह के समय देने से आठवें दिन रेचक लेने से पेट के सभी कीड़े दूर हो जाते हैं।
(31) अंबालदार और सिंधव के साथ गर्म पानी की कटोरी लेने से कीड़े ठीक होते हैं।
(32) सूखे आम का गूदा 1-1 चम्मच सुबह-शाम नियमित रूप से पानी में लेने से पेट के सारे कीड़े तीन महीने में मल के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।
(33) आधा चम्मच भुनी हुई सुपारी, बड़े आकार की सुपारी खाने से पेट के कीड़े दूर हो जाते हैं।
(34) कृमि से छुटकारा पाने के लिए 2 चम्मच गुड़ को सुपारी के साथ सुबह-शाम लें।
(35) वावडिंग का बारीक चूर्ण एक चम्मच गुड़ खाकर सुबह-शाम लेने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
(36) एक कप उबले और ठंडे पानी में एक चम्मच चुकंदर पाउडर और आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर उबालें। जब यह तरल ठीक से उबल जाए तो इसे उतार लें और इसे 15 से 20 दिनों तक हर रात ठंडा होने दें इसको पीने से बच्चों के कृमि क्षीण होकर निकल जाते हैं और लीवर भी ठीक हो जाता है।